रिश्‍ते और बर्फ

May 26, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

अक्सर सोचता हूँ
रिश्‍ते क्‍यों जम जाते हैं
बर्फ की तरह |

अब थक गया हूँ

May 26, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

अब थक गया हूँ मैं
मुझे अपने पास बुला ले

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