Sitaare

June 28, 2015 in हिन्दी-उर्दू कविता

उफ़! ये हमारे,
अजीब से सितारे
आज छत पे आये
तो छुप गए हैं सारे

रात जब सभी थे
हम नींद ले रहे थे,
आंख जो खुली तो

वो पहुच से परे थे

© piyushKAVIRAJ