Khamoshiya (खामोशियां )

December 13, 2020 in हिन्दी-उर्दू कविता

,,,,,,,मैरी हजारो बातें हजारो लोगो के बीच यू गूम हो सी जाती है,
मेरी वही अनकही सी बातें जुबां पर आते आते ना जाने क्यू थम सी जाती है,,
मैरी इस चुप्पी को लोग खामोशी कहा करते है ,,,,,शायद अनजान है वे कि ये खामोशियां ही तो है जो अनकही सी होकर भी बहोत कुछ कह जाती है।
कहते हैं लोग “””कुछ लफ्ज काफी नही इस खामोशी को बयां करने के लिये ,
पर अगर इनकी नजर में चुप्पी या चुप रहना ही खामोशी है तो लफ्जों की जरूरत ही कहाँ इसे समझाने के लिये। ।।।
काफी हैरानी के साथ फिर एक बार ये जुबां स्तब्ध हो जाती है ,,,,
अनजान हैं वे शायद कि ये खामोशियां ही तो है जो अनकही सी होकर भी बहोत कुछ कह जाती है। ।।।।।।।

“””””””””कैसे बताऊँ ये खामोशियां नही ,,,मेरे ही अनकहे से जज़्बात है,,,
।।।।।।।।।।,,,ये महज कुछ बातें नही मेरे ही ना जाहिर किये हालात है “””””शौर में सूकून तलाशने वाली इस दुनिया के बीच मैरी खामोशियां फिर कुछ कहते कहते यू सहम सी जाती है “”””
वाकई अनजान है वे कि ये खामोशियां ही तो हैं जो अनकही सी होकर भी बहोत कुछ कह जाती है। ।।।।
“”मैरी ये बातें खामोशियां बनकर सिर्फ मूझी तक सिमट सी गई है, “””
ये रोशनी सी छा जानें वाली आवाज़ ना बनकर सिर्फ अंधेरे में बिखरे पन्नो में लिपट सी गई है,,
“”मन करता है क्यू ना एक बार इस खामोशी को आवाज़ देकर कर दू अपने हाल बयां उन लोगो से”” जो मुंह बोलकर बताये हाल को भी मुश्किल से समझ पाते है,,🙄।।
“””चुप होकर एक बार फिर मेरी ये खामोशियां कभी ना नजर आने वाली लाइब्रेरी मे पडी बन्द किताब सी बन जाती है। ।
“बेशक अनजान है वे कि ये खामोशियां ही तो है जो अनकही सी होकर भी बहोत कुछ कह जाती है। ।।।
“”””””काश ये लोग मेरे चहेरे पर छपी इन बेजुबां ख़ामोशियों को पढ पाते ,,,
मेरे ना जाहिर किये हाल चेहरा देखकर समझ जाते,,,,,,
खामोशियौ में छुपी उन हजारो बातों मे से कुछ के हिस्सेदार ये लोग भी बन जाते। ।,,””
तो शायद ना जाने कितने अकेलेपन से हारे खामोश चेहरे अपनी ख़ामोशियों को एक जुबां देने से यूँ ना कतराते। ।।
“””
तो शायद ये खामोशियां आँसू बनकर आखों से नही हसीं भरे किस्से बनकर सबके चेहरों से छलक जाते। ।
“”अनजाने में ही सही पर जान जाते कि ये महज खामोशियां ही नहीं वो अनकही सी बातें है जिनको एक जुबां दी जाती है ।।।अगर ऐसा होता तो मै भी कह देती मेरी ये खामोशियां सिर्फ मुझे ही नही इनसे भी बहोत कुछ ना सही पर कुछ कह जाती है। ।।।।।।।।।।.’# pooja taakkkkk

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