Priya Bharadwaj
उनके होने से
June 24, 2019 in शेर-ओ-शायरी
उनके होने से ही मौसम में बहार आ जाती है
अहसास ए इश्क से रूह भी सिहर जाती है
तन्हाई
March 19, 2019 in शेर-ओ-शायरी
कभी किताबो का सहारा लिया, कभी भीड में शामिल हो गए,
तन्हाई मगर तुझको जुदा कर न सके।
हवा में घुल रहा आज जहर है
November 20, 2018 in Poetry on Picture Contest
हवा में घुल रहा आज जहर है
सांसो को आज तरस रहा आज शहर है
बंद कमरे में कब तक कैद रहोगे
खुले आम घूम रहा आज कहर है
हसासो का दरिया
April 6, 2018 in शेर-ओ-शायरी
लफ्ज ही है जो कतराते है कागज पर उतरने से
वरना अहसासो का दरिया तो साथ लिये फिरते है
गुमराह मोहब्बत
September 25, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता
गुमराह मोहब्बत में हम गुमराह हो गए
कोई राह न मिली
कोई साथ न मिला
मिली तो बस तनहाई
जिसे साथ लेकर हम
तन्हा चलते रहे
गुजर गये बहुत दिन मुस्कुराये हुए
May 26, 2016 in शेर-ओ-शायरी
गुजर गये बहुत दिन मुस्कुराये हुए
अब खुदा ने भी सोचा
कि कुछ खुशियां इकट्टी की जायें
और दुनिया में बांट दी जायें 🙂 🙂