कुछ भूल हो गई

May 28, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

पर शायद कुछ भूल हो गई
कुछ समय का रथ आगे निकल गया
इस जन्म के लिए एक जन्म बीत गया !

बस यूं ही

May 28, 2016 in हिन्दी-उर्दू कविता

बस यूं ही
मुझे सपने देखने की आदत है
एक सच्चा सपना गलती से देख लिया था
कोई नहीं है जी, कोई नहीं है …

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