by Shiwani

तलाश

May 26, 2021 in शेर-ओ-शायरी

जिस्म के कद्रदान तो कई होंगे,
हमें तो रूह-ए-उन्स की तलाश है।

by Shiwani

नटखट, ओ लल्ला मोरे

August 8, 2020 in Poetry on Picture Contest

नटखट, ओ लल्ला मोरे तू काहें मोहे खिझायों।
संग सखा तू पुनि-पुनि मटकी पर नज़र लगायो।।
सब ग्वालन से मिलकर झटपट माखन खायो।
नटखट ओ लल्ला मोरे तू काहें मोहे खिझायों।।

मैया, ओ प्यारी मैया मैं मन को न रोक पायो।
मटकी में माखन देख जी ललचाओ।।
तू तो जानत हैं मोहे माखन बहुत सुहायो।

नटखट कान्हा मोरे, तिन्ही सकल हृदय में बस जायो।
तोरी मधुर बोली मोरे कानों को अति सुहायो।।
मनमोहक रूप को देख मोरे नयन तोहे निहारत जायो।
अद्भुत अखियन तिन्ही पाई, देखत ही इन कमल नयनों को इन्हीं में संसार खो जायो।।
झील-सी इन अखियन में तोरी मैया सुध भूल जायो।
इहि खातिर यर मैया तोरी तोहे खुल के न डाट पायो।।
ओ लल्ला, ओ कान्हा मोरे तू काहें मोहे खिझायों।।

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