आती नही हैं नींद

September 18, 2015 in ग़ज़ल

आती नहीं है नींद क्यों रातों में आजकल।

तस्वीर बन रही है एक आँखों में आजकल।

फूलों से दोस्तीदोस्ती है या उल्फत का असर है।

शोखी घुली है उसकी बातों में आजकल।

कुछ दिल से हो रही है क्यों महकी हुई फ़िज़ा।

मेहंदी रचा रही है वो हाथो पे आजकल।

#कुलदीप अनजाना