Rah takti hai najre meri
राह तकती है तेरी,नजरें मेरी,
तेरे बगैर सुना सुना है जहां मेरा,
तुझे पास बुलाती है निगाहें मेरी,
इस कदर तुम चले गए जिंदगी से मेरी,
तेरे बिना यह दुनिया है विरान मेरी,
जिगर को बांध के रखी हूं अपनी,
बिखर न जाए टूट कर ये कहीं,
आ जाओ तुम मुकद्दर में मेरी |
बहुत सुंदर रचना
Thaks
wah
Thanks
Nice
Thanks
हृदय द्रवित कर दिया
Thanks Nimisha ji
😍
वाह जी वाह
Thanks