Shayari

खौफ खातीं है सर्द मौसम की हवाएं भी मुझसे
सीने में दहकते सूरज सी जिंदादिली रखती हूँ
हौसला परवान पर है उम्र हारी है ढलती उम्र है तो क्या
जज़्बा ज़िन्दगी जीने का, खुद के दम पर रखती हूँ
©अनीता शर्मा
अभिव्यक्ति बस दिल से

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