अभिनन्दन

सुबह के सूर्य को अभिनन्दन
देवों के देव को अभिनन्दन ।
है अपनी जीत को अभिनन्दन
है अपनी हर को अभिनन्दन ।

Related Articles

देव-दिवाली

कार्तिक पूर्णिमा की देव-दिवाली आई है काशी में ख़ुशियां छाई हैं ज्योति-पर्व है देवों का, ये देवों की दिवाली है काशी के गंगा-घाट पर, सुर…

दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34

जो तुम चिर प्रतीक्षित  सहचर  मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष  तुम्हे  होगा  निश्चय  ही प्रियकर  बात बताता हूँ। तुमसे  पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…

कार्तिक पूर्णिमा और देव-दीपावली

कार्तिक पूर्णिमा के दिन देव-दीपावली मनाते हैं सारी अप्सराएं नृत्य करती हैं इन्द्रदेव झूमते जाते हैं पूंछा मैंने माँ से एक दिन; क्यों देव दीपावला…

Responses

New Report

Close