Categories: हिन्दी-उर्दू कविता
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हमने वहीं लिखा, जो हमने देखा, समझा, जाना, हमपे बीता ।। शायर विकास कुमार 1. खामोश थे, खामोश हैं और खामोश ही रहेंगे तेरी जहां…
दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34
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लेख:- ‘मातृभाषा एकमात्र विकल्प’ मनुष्य ही एकमात्र ऐसा प्राणी है जो अपनी बात दूसरों तक पहुँचाने के लिये भाषा का प्रयोग करता है। वह अपनी…
सुन्दर भाव, सुन्दर अभिव्यक्ति
सादर धन्यवाद
बेहतरीन प्रस्तुति
धन्यवाद सर
रचना तारीफ़ ए क़ाबिल है।
धन्यवाद सर
sunder kavita
धन्यवाद
बेहतरीन लेखनी
धन्यवाद सर