इंसा

ज्ञान की दो चार बातें सीखकर इंसान,
मां वीणावादनी का करता दुत्कार ।
सीख पढ़कर शब्दों का वर्ण संसार,
अपने ज्ञान को समझता इंसा महान ।।

✍महेश गुप्ता जौनपुरी

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