Categories: हिन्दी-उर्दू कविता
Tags: शायरी

UE Vijay Sharma
Poet, Film Screenplay Writer, Storyteller, Song Lyricist, Fiction Writer, Painter - Oil On Canvas, Management Writer, Engineer
Related Articles
दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34
जो तुम चिर प्रतीक्षित सहचर मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष तुम्हे होगा निश्चय ही प्रियकर बात बताता हूँ। तुमसे पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…
घर और खँडहर
घर और खँडहर ईटों और रिश्तों मैँ गुंध कर मकान पथरों का हो जाता घर ज्यों बालू , सीमेंट और पानी…
शायरी संग्रह भाग 2 ।।
हमने वहीं लिखा, जो हमने देखा, समझा, जाना, हमपे बीता ।। शायर विकास कुमार 1. खामोश थे, खामोश हैं और खामोश ही रहेंगे तेरी जहां…
नारी बता दिया
मुझ जैसी भोली भाली को, “काली” बता दिया । झाङु ,पोछा, छितका की तो, घर वाली बता दिया । सज संवर के निकली तो मतवाली…
इस सड़क पर लिखी कहानी है
राग कहाँ रागिनी कहाँ मेरी इस सड़क पर लिखी कहानी है, दो घड़ी आप भी खड़े होकर देख लो क्या है मेरी कहानी है। लोहड़ी…
वाह बहुत सुंदर
वाह वाह
बहुत ही उम्दा
Nice