
कश्मीर जरुरी है
पितरों के तर्पण को जैसे, थाली में खीर जरुरी है,
भारत माँ के श्रृंगार को वैसे, ही कश्मीर जरुरी है|
चमकी थी जो सत्तावन में, अब वो तलवार जरुरी है,
प्यार मोह्हबत बहुत हो गया, अब तो वार जरुरी है |
खूब बहा लिया लहू सीमा पर, भारत माँ के लालों ने,
जागो नींद से देशवासियों अब, इक हुंकार जरुरी है|
भेद ना पाए दुश्मन सीमा को, ऐसी पतवार जरुरी है,
और देश के गद्दारों को अब, दुत्कार जरुरी है |
ऋषभ जैन “आदि”
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Kamal Tripathi - August 22, 2016, 3:55 pm
बेहतरीन जी
राम नरेशपुरवाला - September 8, 2019, 4:35 pm
Wah
प्रतिमा चौधरी - September 7, 2020, 9:40 pm
बहुत सुंदर भाव