ღღ__गलतफ़हमी में जागते रहे, रात भर उनको जगता देखकर;
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भला क्या ज़रूरत थी चाँद को, यूँ रात में निकलने की!!….#अक्स
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Categories: शेर-ओ-शायरी
Ankit Bhadouria
A CA student by studies, A poet by passion, A teacher by hobby and a guide by nature. Simply I am, what I am !!
:- "AkS"
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nice bro!
thank uuuuuu
umda!
shukriya….
वाह