जीवन के माइने
कहीं खो से गए हैं सपने
और जाग पड़ी हैं नींदे
लॉक डाउन में जैसे सहम गये हैं
जीवन के माइने
कहीं रिश्तों की डोरी ने
मजबूत हो रही है तो कहीं
टूटने लगी है
जीवन के बन्धन में
सिमट के रह गया है
रिश्तों का कारवां
चारों ओर धुंध सी छाई हुई है
अनगिनत लोगों से
अलगाव सा हो गया है
प्रेम की जो पट्टी आंखों पर बंधी हुई थी
वह पास रहने से खुलती जा रही है
हमदर्दी की झूठी तस्वीर
जो नजर आती थी
वह वास्तविकता के पैमाने
पर उतर रही है
और कई चेहरे सामने आ रहे हैं
जो प्रेम का झूठा
खेल खेला जा रहा था
आज मयस्सर हो गया है
सारी गलत फ़हमिया
अब दूर हो गई हैं
कौन अपना है कौन पराया
सब साफ़ नज़र आ रहा है
So sweet
Thanks🙏🙏
Nice
थैंक्स
वाह
🙏🙏
V nice
थैंक्स
वाह बहुत सुंदर
Thank u
Nyc
बहुत ही उम्दा रचना