Categories: शेर-ओ-शायरी
Tags: kavita, poetry with panna
Panna
Panna.....Ek Khayal...Pathraya Sa!
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उसके चेहरे से नजर हे कि हटती नहीं वो जो मिल जाये अगर चहकती कहीं जिन्दगी मायूस थी आज वो महका गयी जेसे गुलशन…
उसके चेहरे से …
उसके चेहरे से नजर हे कि हटती नहींवो जो मिल जाये अगर चहकती कहीं जिन्दगी मायूस थी आज वो महका गयीजेसे गुलशन में कोई कली…
नज़र ..
प्रेम होता दिलों से है फंसती नज़र , एक तुम्हारी नज़र , एक हमारी नज़र, जब तुम आई नज़र , जब मैं आया नज़र, फिर…
पत्थरों की तरह आदतें हो गयीं
हम भी रोये नहीं मुद्दतें हो गयीं। पत्थरों की तरह आदतें हो गयीं। जबसे बेताज वह बादशाह बन गया, पगड़ियों पर बुरी नीयतें हो गयीं।…
आज देखो दुनिया क्या से क्या हो गयी
हंसी ख़ुशी कहीं ,गम की वादियों में खो गयी आज देखो दुनिया क्या से क्या हो गयी दूसरों की सफलता पर ,जो बजती थी तालियाँ…
nice
Thanks
Gud one
Dhanyabad dost!
Good
बहुत खूब