तेरे प्यार का नशा
इस कदर छाया है तेरे प्यार का नशा।
बस तेरी यादें ही दिलो-दिमाग पर बसा।
तुमसे दूर अब रहा भी न जाए।
ये जुदाई अब सहा भी न जाए।
कब उखड़ जाए ये चंद सांसें,
ना पुछो कुछ कहा भी न जाए।
ना मिलूं तो चैन नहीं, मिलकर बिछड़ना गवारा नहीं,
तुमसे मिलूं, न मिलूं, कशमकश में दिल फंसा।
इस कदर छाया है तेरे प्यार का नशा।
बस तेरी यादें ही दिलो-दिमाग पर बसा।
तेरी मदहोश खुशबू।
बेचैन करती मुझे हर-शू।
जाने क्या हो गया मुझे,
हर चेहरे में नजर आती तू ही तू।
भरी महफ़िल में भी खामोश, तन्हा रह जाता हूं,
इस दीवानगी की हालत पे लोग लगाते कहकशा।
इस कदर छाया है तेरे प्यार का नशा।
बस तेरी यादें ही दिलो-दिमाग पर बसा।
न नींद है, न करार है।
ये कैसा मुझ पर खुमार है।
शायद तेरी मुहब्बत का है जादू,
बगैर तेरे दिल बेकरार है।
इतने करीब आकर भी, कितने दूर हैं हम,
किसी ने ठीक ही कहा, ये इश्क नहीं आसां।
इस कदर छाया है तेरे प्यार का नशा।
बस तेरी यादें ही दिलो-दिमाग पर बसा।
देवेश साखरे ‘देव’
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सुन्दर रचना
धन्यवाद