ღღ__वो इक पल जिसमें तुम्हारे लब हों, मेरे लबों के पास;
.
उस वक़्त भी हम रहें शरीफ?? “तौबा साहब, तौबा” !!…..#अक्स
.
Categories: शेर-ओ-शायरी
Ankit Bhadouria
A CA student by studies, A poet by passion, A teacher by hobby and a guide by nature. Simply I am, what I am !!
:- "AkS"
Related Articles
एक वक़्त वो भी था
पिछले साल की बात 2020 का एक वक़्त वो भी था, एक वक़्त वो भी था, जब हम अजनबी हुआ करते थे, एक वक़्त वो…
करो परिश्रम ——
करो परिश्रम कठिनाई से, जब तक पास तुम्हारे तन है । लहरों से तुम हार मत मानो, ये बात सीखो त जब मँक्षियारा नाव चलाता,…
वक्त
सबसे तेज होती है, वक्त की रफ्तार | वक्त में घुली है, सबकी जीत या हार | वक्त के दो पहलू, नफरत और प्यार |…
शायरी संग्रह भाग 1
मुहब्बत हो गयी है गम से, खुशियाँ अच्छी नहीं लगती। पहले दुश्मन मुहब्बत करते थे, अब दोस्त नफरत करते हैं।।1।। विकास कुमार कमति.. बदलते…
A pray for india
जब तक है जीवन तब तक इस की सेवा ही आधार रहे विष्णु का अतुल पुराण रहे नरसिंह के रक्षक वार रहे हे प्राणनाथ! हे…
bahut khoob
thaaaaaanq uuuuu 🙂
आपकी हर एक कविता की हर एक पंक्ति खूबसूरत है