दर्दनाक मन्ज़र
किसी का दम
निकलता है घर में
तो कोई सड़कों पर
मारा-मारा फिरता है
भूंख लगती है तो
सिर्फ प्यास बुझा लेता है
इतनी धूप में सब
घर में बैठे हैं
तो कोई सड़कों पर
पसीना बहाता फिरता है
कितना दर्दनाक है वो मन्ज़र
जब कोई मीलों का सफ़र
पैदल ही करता है
Nice
Thanks
Nice
Thanks
nicely put
धन्यवाद
वाह
धन्यवाद
👌👌
धन्यवाद
वेलकम
यथार्थपरक बहुतसुन्दर