दिल में हिन्दुस्तान है

है जिगर शेरों सा मेरा बाज़ुओं में जान है।
दिल में हिंदुस्तान है साँसों में हिंदुस्तान है।
देश भक्ती की लहर नस नस में भर दे जो मिरी।
सारी दुनिया से निराला मेरा राष्ट्रीय गान है।
देश की खातिर लुटाना हमको अपनी जान है।
देश भक्तों से हमारे देश की पहचान है।
हिन्दु मुस्लिम सिख ईसाई दुनियावी पहचान है।
रब ने पैदा ऐक जैसा ही किया इंसान है।
सब सुभाशो चंद्र शेखर और भगत जैसे है हम।
सर कटाना देश की खातिर हमारी शान है।
सब लरज़ जाएंगे दुश्मन जब दहाड़ेगा तलत।
दिल में हिंदुस्तान है नस नस में हिंदुस्तान है।
“डॉ तलत खान”
कोटा राजस्थान
behtareen…
Shukriya
Nice poetry!!
वाह बहुत सुंदर रचना ढेरों बधाइयां
जय हिंद
गुड