दुनिया का बरताव

कौन है शोषित
कौन है शोषक
कैसे फर्क करोगे?
स्वर्ग द्वार भारत को
कैसे नर्क कहोगे?
बस में सफर करते हुए
यही बात मैं सोच रहा था।
भरे सीट थे सारे उसके
फिर भी सवारी कोंच रहा था।।
खड़ गई आके मेरे बाजू में
एक संभ्रात -सी महिला।
सामानोंऔर बच्चों के संग
अस्त-व्यस्त थी महिला।।
मैंने अपनी सीट दे दी
खुद खड़ा होकर।
हुई खाली बाजू की सीट
बच्चे बैठाई सोकर।।
अगले स्टोपेज आकर
चढ़ गई मेरे एक रिश्तेदार।
मैंने कहा मैडमजी थोड़ा
बच्चे को ले लो गोद सवार।।
लगी फुफकारने मेरे ऊपर
करते क्यों बदतमीजी हो!
मुझको रोका उसको टोका
काहे को तुम खीजी हो?
टल गया एक महाभारत
लोगों के बचाव से।
“विनयचंद “अब क्या कहे
दुनिया के बरताव से।।

Related Articles

प्यार अंधा होता है (Love Is Blind) सत्य पर आधारित Full Story

वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ। निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥ Anu Mehta’s Dairy About me परिचय (Introduction) नमस्‍कार दोस्‍तो, मेरा नाम अनु मेहता है। मैं…

दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34

जो तुम चिर प्रतीक्षित  सहचर  मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष  तुम्हे  होगा  निश्चय  ही प्रियकर  बात बताता हूँ। तुमसे  पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…

Responses

+

New Report

Close