Categories: शेर-ओ-शायरी
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मुझे वो लाज़मी सा सब कुछ दिलवा दो जो यूं ही सबको मिल जाता है न जाने कौन बांटता है सबका हिस्सा जिसे मेरे हिस्सा…
तुम्हें क्या कहूँ
तुम्हें चांद कहूं, नहीं, तुम उससे भी हंसीन हो। तुम्हें फूल कहूं, नहीं, तुम उससे भी कमसीन हो। तुम्हें नूर कहूं, नहीं, तुम उससे ज्यादा…
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गुड मॉर्निंग भेजा
कविता- गुड मॉर्निंग भेजा ———————————- गुड मॉर्निंग भेजा, हमकों एकSMS मिला, क्षण भर हम ठहर गए थें, हाय कोरोना तेरे कारण भूल गए थें, अपने…
Wow
Thanks ji
✍👏✍👏
Thank you ji
The best,👌 मित्रता में गिले – शिकवे होना तो लाज़मी है ही
लेकिन मित्रता भी बनी रहनी चाहिए। आपकी कलम ने आपके दिल की बात कह दी। बहुत सुंदर
कितनी सुन्दर और सहज समीक्षा की है आपने, धन्यवाद भी कम पड़ता है। इस उत्साहवर्धन हेतु अभिवादन।
सुस्वागतम् 🙏
वाह
Wah👏👏
bahut Khubsurat
सुन्दर
Nice
धन्यवाद सर
आप सभी को हार्दिक धन्यवाद
Bahut badhiya