Categories: हिन्दी-उर्दू कविता
Related Articles
उसके कजरारे नैनों में….
कल दिल ने फिर गोते मारे, उसके कजरारे नैनों में हम अपना सब कुछ फिर हारे, उसके कजरारे नैनों में उसके नैनों में उतरे जब,…
हिन्दी कविता- बसंत आने लगा |
हिन्दी कविता- बसंत आने लगा | बागो मे फूल कलियों बाहर अत्यंत आने लगा | मस्त मदन लिए अंगड़ाई देखो बसंत आने लगा | शरद…
नारी वर्णन
मयखाने में साक़ी जैसी दीपक में बाती जैसी नयनो में फैले काजल सी बगिया में अमराई जैसी बरगद की शीतल छाया-सी बसन्त शोभित सुरभी जैसी…
तेरी वेवफाई थी बहुत ही निराली ।
तेरी वेवफाई थी बहुत ही निराली । तु जाते-जाते यूँ किसी को चाहा । मगर वो बंदा हुआ न किसी का । तेरी वेवफाई थी…
कुमाऊनी कविता: धन्न्न पैसा त्यर कमाल
धन्न्न पैसा त्यर कमाल कस्स्ये बतूं त्यर हाल जों ले जांछे वों बबाल धन्न्न पैसा त्यर कमाल जब ऊंछे तू देश बटी तू भले क्वे…
Good
Thanks
Thanks
Touching lines
Thanks
Welcome
Thanks
Good
Thanks
Thanks
Nice
Nice