“बाज़ी” #2Liner-69

ღღ__एक बाज़ी गर जीत भी गया, बेईमानी से वो साहब;
.
महफिल फिर से सज जायेगी, कि वफात बाकी है मेरी !!……‪#‎अक्स‬

Related Articles

दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34

जो तुम चिर प्रतीक्षित  सहचर  मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष  तुम्हे  होगा  निश्चय  ही प्रियकर  बात बताता हूँ। तुमसे  पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…

Responses

New Report

Close