मार गई मुझे
तेरी अदाएँ, तेरी नज़ाकत मार गई मुझे।
तेरी शोख़ियाँ, तेरी शरारत मार गई मुझे।
बेशक मोहब्बत है, पर डरता हूँ इज़हार से,
मेरी खामोशी, मेरी शराफ़त मार गई मुझे।
मैं करना चाहता था, अकेले दिल की बातें,
पर तेरे दोस्तों की, जमाअत मार गई मुझे।
तेरी नज़रें बहुत कुछ कहना चाही मगर,
मेरी नादानी, मेरी हिमाक़त मार गई मुझे।
दिल चाहता है तेरी धड़कने महसूस करना,
गले में तेरी बाहों की हिरासत मार गई मुझे।
देवेश साखरे ‘देव’
जमाअत- मंडली, हिमाक़त- बेवकूफी
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Abhishek kumar - December 15, 2019, 10:34 pm
Good
देवेश साखरे 'देव' - December 16, 2019, 12:56 pm
Thanks
Abhishek kumar - December 16, 2019, 5:27 pm
Welcome
Amod Kumar Ray - December 16, 2019, 1:50 am
Good
देवेश साखरे 'देव' - December 16, 2019, 12:56 pm
Thanks
Pt, vinay shastri 'vinaychand' - December 16, 2019, 6:01 am
Nice
देवेश साखरे 'देव' - December 16, 2019, 12:56 pm
Thanks
Pragya Shukla - December 16, 2019, 10:40 am
Good
देवेश साखरे 'देव' - December 16, 2019, 12:56 pm
Thanks
Poonam singh - December 16, 2019, 2:43 pm
Nice
देवेश साखरे 'देव' - December 16, 2019, 3:38 pm
Thanks
Satish Pandey - July 13, 2020, 10:27 am
वाह