मेरा नमन
हे वीर, नमन मेरा तुझको l
वीर पुत्र , सूरवीर हो l l
आप ही प्रहरी , प्रलय भी आप हो l
अश्व जैसी तेज, सिंह की दहाड़ हो ll
शांत प्रिय, रुद्र रूप हो l
जल – थल ,नभ में भी आप हो ll
आप रंग , बेरंग भी हो l
सीमा रेखा ,शत्रु की जीवन रेखा आप हो ll
आप हो तो संभव , न हो तो असम्भव हो l
आप ही शहीद , आप ही अमर हो ll
जीवन रक्षक , शत्रु भक्षक भी आप हो l
कठोर आप , प्रेम सागर आप हो ll
हिन्द को समर्पित हो , मोह के विमुख हो l
आप संगम , आप ही विरह हो ll
आप ही मुस्कराहट , वेदना भी आप हो l
दीपक की लौ , दीप – छांव भी आप हो ll
हे वीर, आप काव्य रस से परिपूर्ण हो l
शौर्य ऐसी, गाथा के लिए शब्द कम हो ll
हे वीर, नमन मेरा तुझको l
हे वीर, नमन मेरा तुझको ll
RAJIV MAHALI
Nice
Thank you
nice
Thanks
वीर रस व देशभक्ति का संगम
Thanks
आप बहुत कम लिखते हैं परंतु बहुत ही अच्छा लगते हैं