यह ज़िन्दगी तो बस मौत का दूसरा नाम हो गई

बेइंतेहा दर्दो को सहने की, अश्कों को पीने की

सांसो की घुटन में रहने की, गमों में जीने की

आदतें सारी यह किस किस की ग़ुलाम हो गई

यह ज़िन्दगी तो बस मौत का दूसरा नाम हो गई

                                        …….. यूई       

Related Articles

प्यार अंधा होता है (Love Is Blind) सत्य पर आधारित Full Story

वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ। निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥ Anu Mehta’s Dairy About me परिचय (Introduction) नमस्‍कार दोस्‍तो, मेरा नाम अनु मेहता है। मैं…

हाँ रहने दो

भ्रांति की अविरल धारा बहने दो, जिजीविषा काया की रहने दो, खंडित जीवन की अभिलाषा, जो कुछ शेष है  सहने. दो, हाँ, रहने दो,कुंठित मन…

Responses

+

New Report

Close