Categories: शेर-ओ-शायरी
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बोलो राधे-कृष्णा, राधे-कृष्णा, कृष्णा-कृष्षा, राधे-राधे,
कृष्ण ने बाँसुरी बजायी, राधा के मन में प्रीत जगी । सारी दुनिया तम में है सोई, राधा रानी प्रेम-मगन है खोई ।। (मग्न) बोलो…
क्योंकर छिलका खाए कृष्णा
क्योंकर छिलका खाए कृष्णा? इतिहास हमारा क्या कहता है ? क्या मतलब है इसका कहना? एक प्रश्न मन पूछ रहा है क्योंकर छिलका खाए कृष्णा?…
शायरी संग्रह भाग 2 ।।
हमने वहीं लिखा, जो हमने देखा, समझा, जाना, हमपे बीता ।। शायर विकास कुमार 1. खामोश थे, खामोश हैं और खामोश ही रहेंगे तेरी जहां…
कृष्णा भजन
कृष्णा जी की प्यारी ,राधा न्यारी बसो मोरे मन मन्दिर बिहारी,संग वृषभानु दुलारी तुम बिन कोई ना ठौर हमारी, जाऊँ बलिहारी पल पल याद करूँ…
Mai tere prem me krishna
मैं तेरे प्रेम में कृष्णा,अपना नाम कर दूंगी, जो तू न आया तो तेरी याद में सुबह शाम कर लूगी, मैं राधा नही मीरा नहीं…
Jai ho
Thank u
Welcome
Nice
Thx
मान गयें गुरु।
Thank u
सुन्दर
Thx
nice
Thx
Very nice