Categories: शेर-ओ-शायरी
Tags: शायरी
UE Vijay Sharma
Poet, Film Screenplay Writer, Storyteller, Song Lyricist, Fiction Writer, Painter - Oil On Canvas, Management Writer, Engineer
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दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34
जो तुम चिर प्रतीक्षित सहचर मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष तुम्हे होगा निश्चय ही प्रियकर बात बताता हूँ। तुमसे पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…
शायरी संग्रह भाग 2 ।।
हमने वहीं लिखा, जो हमने देखा, समझा, जाना, हमपे बीता ।। शायर विकास कुमार 1. खामोश थे, खामोश हैं और खामोश ही रहेंगे तेरी जहां…
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राजतंत्र हो या प्रजातंत्र
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सोच रहे है कुछ
कह रहे है कुछ
नेताजी के अल्फ़ाजों की
नीयत कुछ और है
Kya Baat Hai Anjali Jee .. Khoob Banee Baat Yeh to..
baat to hamesha lafzo or ahasaaso se hi banati he
AHSAAS… Anjali Jee .. Yehi to sab gadbad hai naa….. Na-muraad chode bhee nehi jaate aur dafnaye bhee nehi …. Maloom hai jeena inhee ke sang hai…to bus LAFZON kaa hee to shaara hai ab…. Ehsaas ko samajh sake ..yeh waqt khaan hai kisee ke paas… lafzon ko pad lete ho ..bus yehi gneemat hai …
bht khoob
Good
Nice