शहीदी
कुछ मेरी औकात नहीं , कि तुझ पर कलाम चलाऊं मैं
कुर्बानी तेरी करे बयां , वो शब्द कहाँ से लाऊं मैं
नाम तेरा लेने से पहले पलकों को झपकाउं मैं
भूल गए जिन पन्नो को हर्फ़ों से आज सजाऊँ मैं
जब भारत माँ का आँचल लगा चीर-चीर होने
गोरे बसने आये जैसे नागिन आयी हो डसने
जब भारत का सूरज भी त्राहिमाम चीखा था
तब खटकड़ में एक सिंहनी की कोख से सूरज चमका था
भारत माँ बोली कि मैं गद्दारों पर शर्मिंदा हूँ
चीख पड़ा सरदार माँ अभी तलक मैं जिन्दा हूँ
अंग्रेजों को घाट घाट का पानी उसने पिला दिया
अंग्रेजी सत्ता का तख़्त-ओ -ताज पूरा हिला दिया
आजादी के हवन कुंड में वो तो अग्निचेतन था
अंग्रजों के सीने का तीरों के जैसे भेदन था
तुझे गले लगा कर तो वो फांसी भी रोई होगी
झूलते देख लाडला फांसी, धरती की चुनर धानी रोई होगी
रोया होगा इंकलाब का भी वो बासंती चोला
चूमा जब फांसी को तूने अम्बर भी होगा डोला
तड़प गयी होंगी लहरे सागर भी रोया होगा
फांसी वाले आँगन का पत्थर पत्थर रोया होगा
दूर कही अम्बर में तारा भी टूटा होगा
आँखों में जब तेरी खून का लावा फूटा होगा
तूने आजादी के मंदिर की बुनियाद खड़ी की थी
इंकलाब की बलीदेवी पर अपनी शाख बड़ी की थी
तेरी कुर्बानी का अब ये क्या अहसान चुकाएंगे
गांधीजी के बन्दर है बस कुर्सी कुर्सी चिल्लायेंगे
याद तूम्हे नवम्बर 14 , नहीं भूले 2 अक्टूबर को
30 जनवरी याद रही , पर भूले भारत के बेटों को
23 मार्च को याद जरा उन शहीदों को भी कर लो
आँखों में भर लो पानी और सीने से चिंगारी उगलो ।।
तेरी पूजा में तो बस मैं इतना ही कह सकता हूँ
तेरी छोटी आयु को सदियों से लंबी कह सकता हूँ
शत शत बार नमन है तुझको तेरी जवानी को
बार बार दोहरायेगा इतिहास तेरी कहानी को ।।
,???
Bahutt umda
Thanxxx
lajwab
Thanxxx
umdaa
Thanxx
Good
Jai ho