सरहद के मौसमों में जो बेरंगा हो जाता है

सरहद के मौसमों में जो बेरंगा हो जाता है,
तिरंगे से लिपट कर एक दिन वो तिरंगा हो जाता है।।
राही (अंजाना)

Related Articles

तिरंगा

हमारा आन तिरंगा है, हमारा बान तिरंगा है। हमारा शान तिरंगा है, हमारा जान तिरंगा है।। हमारा धर्म तिरंगा है, हमारा कर्म तिरंगा है। हमारा…

एक शहीद का खत

एक शहीद का खत….. ‘माॅ मेरे खत को तू पहले आॅखों से लगा लेना चूमना होठों से इसे फिर आॅचल में छिपा लेना।’ कि….. बेटा…

फौजी

लिपट कर तुझसे तिरंगा भी रोया था उस पर मरने वाला आज उसमें ही घुसकर सोया था भारत माँ के सपूत ने चैन शान्ति बाँटी…

Responses

New Report

Close