Categories: शेर-ओ-शायरी

Ankit Bhadouria
A CA student by studies, A poet by passion, A teacher by hobby and a guide by nature. Simply I am, what I am !!
:- "AkS"
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शायरी संग्रह भाग 2 ।।
हमने वहीं लिखा, जो हमने देखा, समझा, जाना, हमपे बीता ।। शायर विकास कुमार 1. खामोश थे, खामोश हैं और खामोश ही रहेंगे तेरी जहां…
गुनहगार हो गया
सच बोलकर जहाँ में गुनहगार हो गया, लोगों से दूर आज मैं लाचार हो गया। जो चापलूस थे सिपेसालार बन गए, मोहताज़ इक अनाज़ से…
मैं बस्तर हूँ
दुनियाँ का कोई कानून चलता नहीं। रौशनी का दिया कोई जलता नहीं। कोशिशें अमन की दफन हो गयी हर मुद्दे पे बंदूक चलन हो गयी॥…
पढ़ो – पढ़ाओ सबको सुनाओ
तुम्हें आज मैं कथा – सार यहाँ सुनाने आया हूँ तुमको शुकदेव –परीक्षित का संवाद बताने आया हूँ इंद्रिय शक्ति अगर चाहो तो इन्द्र पूजन…
हमारे नेता
हमारे नेता…. हम भी बहुत मजबूर हैं साहब लात मार घुसा सह रहे हैं साहब गाली सुबह शाम खा रहे हैं साहब क्योंकि हमारे नेता…
Good
Wow
Beautiful poem