“ख़ामोशी” #2Liner-106
ღღ__कह तो सब दूँ “साहब”, पर कभी ख़ामोशी भी पढ़ा करो;
.
वैसे भी मोहब्बत में, हर बात, कहने की नहीं होती!!……#अक्स
लगातार अपडेट रहने के लिए सावन से फ़ेसबुक, ट्विटर, इन्स्टाग्राम, पिन्टरेस्ट पर जुड़े|
यदि आपको सावन पर किसी भी प्रकार की समस्या आती है तो हमें हमारे फ़ेसबुक पेज पर सूचित करें|
Panna - April 19, 2016, 12:04 pm
umda!
Ankit Bhadouria - April 21, 2016, 9:19 pm
shukriya
Pragya Shukla - April 18, 2021, 7:19 pm
अति सुन्दर रचना