अभी कहाँ तू थककर बैठ गया ! तुझे क्षितिज तक जाना है…

जीवन में उत्साह हो
मन नाचे बनकर मोर
हे युवा ! तू परिश्रम कर
सफलता मिलेगी घनघोर
अभी तो तूने जीवन की
बस एक दोपहरी देखी है
अभी तो तूने सावन की
बस पहली बारिश देखी है
अभी तो तुझको अपनी हथेली पर
भाग्य का दिनकर उगाना है
भावों का मंथन करके तुझको
साहित्य का सागर पाना है
अभी कहाँ तू थककर बैठ गया
तुझे क्षितिज तक जाना है….

Related Articles

प्यार अंधा होता है (Love Is Blind) सत्य पर आधारित Full Story

वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ। निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥ Anu Mehta’s Dairy About me परिचय (Introduction) नमस्‍कार दोस्‍तो, मेरा नाम अनु मेहता है। मैं…

Responses

  1. अभी तो तूने जीवन की
    बस एक दोपहरी देखी है
    अभी तो तूने सावन की
    बस पहली बारिश देखी है…
    वाह क्या खूब लिखा है
    सुंदर लयात्मक तथा संगीतमय रचना
    युवा को अपने जीवन में आगे बढ़ने को तथा खूब प्रेरित करती हुई रचना

  2. हे युवा ! तू परिश्रम कर
    सफलता मिलेगी घनघोर
    _______ परेशान करने का सुंदर संदेश देती हुई कवि प्रज्ञा जी की बहुत सुंदर रचना

  3. हे युवा ! तू परिश्रम कर
    सफलता मिलेगी घनघोर
    _______ परिश्रम करने का सुंदर संदेश देती हुई कवि प्रज्ञा जी की बहुत सुंदर रचना

+

New Report

Close