अम्मा
अम्मा,
एक बात कहूं
ये जो तुम बकरी भैस
गोबर घास में
लगी रहती हो न
अच्छा है,
तुम अकेली तो नही
बाबू की अलग सुनने की आदत,
तुम्हारी थकान,
तुम जो आकर शाम को
सो जाती हो
जानता हूँ तुम थकी रहती हो
पैर का दर्द और
एक गिलास मे आधे चाय
दर्द दूर कर देते है?
मुझे तो नही लगता…
अम्मा,
ये भैस बकरी बेचना मत
अकेली पड़ जाओगी
और मैं….
अम्मा दर्द होगा ना पैर में
दबा दूं??
-कुमार किशन
Nice
Nyc
भावपूर्ण परंतु (नहीं) इस प्रकार लिखा जाता है
अधुरा लग रहा है थोडा और प्रयास करें
अतिसुन्दर
मां के लिए अमिट प्रेम की छाप