आखिर क्यों
दिल में जो सैलाब है
आंखों से निकलता क्यू हैं?
तुमको देखे बिना
ये दिल तड़फता क्यू है?
तुम तो इस दिल के रौनक – ए- बहार हो
यह बात समझते नहीं
तो मुस्काते क्यू हो?
दीवानों की तरह घूमते रहते मेरे इर्द-गिर्द
मेरे गेसू की खुशबू में नहाते क्यू हो?
खून के आंसू अजाब बनकर इस दिल में मचलते रहते
तुमको दी थी खबर आंखों ने
अजनबी बन जाते क्यू हो?
आज मैं दूर चली हूं तुमसे
यह खबर लहू बनकर आंखों से बहाते
क्यू हो?
निमिषा सिंघल
Good
🙏🙏
Nice
🌺🌺
Lajawab
,🌹🌹🌹🌹🌹
Good
Thanks
Good
आभार मित्र
वाह
बहुत-बहुत आभार
👏👏