आलिंगन
सांसारिक कुचक्रों में उलझ कर
अपनी मौलिकता से समझौता
करते मानव सुनो..!!
अपने भीतर हमेशा बचा कर रखना
इतना सा प्रेम…!!
कि
जब भी कोई व्यथित हृदय तुम्हारा
आलिंगन करे तो उस प्रेम की
ऊष्मा से पिघलकर आँसू बन
बह उठे उसके मन में जमी
पीड़ाओं की बर्फ…!!
©अनु उर्मिल ‘अनुवाद’
(12/02/2021)
Jay ram jee ki
जब भी कोई व्यथित हृदय तुम्हारा
आलिंगन करे तो उस प्रेम की
ऊष्मा से पिघलकर आँसू बन
बह उठे उसके मन में जमी
पीड़ाओं की बर्फ…!!
___________पीड़ा का कितना सटीक चित्रण किया है कवि अनु जी ने अपनी रचना में, बिल्कुल अनु जी इतना प्रेम तो होना ही चाहिए,
बहुत सुंदर भवाभिव्यक्ति,बहुत सुंदर शिल्प और कथ्य
धन्यवाद सखि ❤️🌺
स्वागत सखि 🌹
पीड़ा की बर्फ बहुत सुन्दर
अतिसुंदर भाव