एक ही सवाल हैं
कितना समझें तुमको ,
यह तुम ही बता दो,
एक ही सवाल है तुझसे जिन्दगी,
तू क्या है? और क्यों है ?
बता दो ,
ना एक पहेली है ,
ना एक आईना है ,
जो सुलझा सकूं तुझे,
या देख सकूं तुझे।
न जरिया है,
न दरिया है ,
न मौन है ,न शोर है,
बता दे तू कौन है?
उत्तम रचना
बहुत बहुत आभार
सुंदर
, धन्यवाद सर
जिंदगी के उतार चढ़ाव को प्रदर्शित करती बहुत सुंदर रचना
Thank you so much sir
ज़िन्दगी के बारे में विचार करती हुई रचना…. सुन्दर प्रस्तुति
बहुत बहुत धन्यवाद मैम
जिंदगी क्या है कुछ वक्त का एक कारवां है,
जो चल पड़ता है किसी अनजान मंजिल को पाने के लिए
समय के साथ साथ मंजिलें भी बदलती रहती हैं
रास्ते बदलने पड़ते हैं इन मंजिलों तक जाने के लिए
बचपन जवानी बुढ़ापा कुछ पड़ाव हैं जिंदगी के रास्ते में
इन पड़ावों से गुजरना पड़ता है जिंदगी बिताने के लिए
बहुत से साथी मिलते रहते हैं कुछ विछड़ भी जाते हैं
मगर रुकना मना है बिछड़ों को वापिस लाने के लिए.
रास्ते भर किसी एक सही साथी की दरकार रहती है
वर्ना मंजिल पे भी कुछ नहीं बचता सिवा पछताने के लिए.
बस जान लो कि ताउम्र सिर्फ चलते रहने से कुछ नहीं होता
एक सही दिशा जरूरी है सही मंजिल तक जाने के लिए.
बहुत सुंदर 🙏🙏