गमों की नुमाइश
जरूरी नहीं हम अपने
गमों की नुमाइश करें
जो दिल में है
वो जग जाहिर करें
जिसे समझना है मेरी तकलीफों को
वो यूँ ही समझ सकता है
मापने के लिए मेरा दर्द
मेरी कविताएं पढ़ सकता है|
जरूरी नहीं हम अपने
गमों की नुमाइश करें
जो दिल में है
वो जग जाहिर करें
जिसे समझना है मेरी तकलीफों को
वो यूँ ही समझ सकता है
मापने के लिए मेरा दर्द
मेरी कविताएं पढ़ सकता है|
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बहुत सुंदर कविता है प्रज्ञा, Very True lines.
Thanx
कवि प्रज्ञा जी द्वारा बहुत ही खूबसूरती से कविता की महत्ता पर प्रकाश डाला गया है। यदि सहृदय के दर्द की अनुभूति उसकी कविता से ही हो जाती है। सुन्दर अभिव्यक्ति
Thanks bro
Very nice👍👍
Thanks
अतिसुंदर
Thank