“गलतफहमियां”

कुछ गलतफहमियां
पाल ली तुमने
हमें लेकर
गलत धारणा बना ली
हम बुरे हैं भले हैं जैसे भी हैं
बस तुम्हारे हैं
किसी और की आली
क्यों मान ली तुमने।।

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Responses

  1. अपने शब्दों के माध्यम से अपने भावाभिव्यक्ति को
    कागज पर ऐसे उकेरा है।
    जैसे वह जीवंत हो उठी हो, सुंदर शिल्प, बेहतरीन शिल्प बेहतरीन कथ्य।।

    1. बहुत-बहुत धन्यवाद इतनी सुंदर समस्या करनी है तो आप हमेशा ही मेरी हौसला अफजाई करते हैं तथा आप हमारे गुरु जी हैं बहुत-बहुत धन्यवाद है आपका ऐसी समीक्षा पढ़कर साहित्य लेखन को और मन करता है

  2. सही बात है कभी-कभी कुछ लोग गलतफहमी है पर लिखते हैं और उन्हीं पर जीते रहते हैं

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