ग़ज़ल

ग़ज़ल
——-
दूरियां ,नज़दीकियां, खुशफहमियां तेरे साथ में,
हम मिले ना थे कभी पर बह गए जज्बात में।

1. मौसमै अंदाज था कुछ खास था उस रात में,
थे गिरफ्त में इश्क के उस बेवजह सी बात में।
थी नहीं मंजूर हद …इश्क की बरसात में,
दूरियां नजदीकियां खुशफहमियां तेरे साथ में……

2. जब्बे सैलाबे मोहब्बत ले रहा उफान था,
धड़कने बेकाबू थी दिल में अजब तूफ़ान था।
तेरी आहट देती थी बस.. दिल को थोड़ा सा सुकून,
बेजुबा सी थी मुहब्बत और मुझे तेरा सुरूर।
दूरियां नजदीकियां खुशफहमियां तेरे साथ में……

3. हो हकीकत तो निगाहों से बयां हो जाती वो,
सपना था बंद आंखों का बस याद बन आ जाता वो,
रात भर तारे चमकते चांद बन छा जाता वो,
जुगनू बन गुनगुन वो करता
अक्स सा छप जाता वो।

दूरियां नजदीकियां खुशफहमियां तेरे साथ में….

4. दरमियां था फासला इस छोर से उस छोर तक,
दिलकशी थी बस धुआं था , छा गया पुरजोर जो।
बेकरारी तुझ को पा लू
दूरियां अपनी जगह
धड़कने गाती थी सरगम, बेख्याली हर जगह।
दूरियां नज़दीकियां खुशफहमियां तेरे साथ में……

निमिषा सिंघल

Related Articles

प्यार अंधा होता है (Love Is Blind) सत्य पर आधारित Full Story

वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ। निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥ Anu Mehta’s Dairy About me परिचय (Introduction) नमस्‍कार दोस्‍तो, मेरा नाम अनु मेहता है। मैं…

दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34

जो तुम चिर प्रतीक्षित  सहचर  मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष  तुम्हे  होगा  निश्चय  ही प्रियकर  बात बताता हूँ। तुमसे  पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…

Responses

+

New Report

Close