गौरा-महेश्वर पूजने
बरस रहा है भाद्रपद
रिम-झिम बरसता जा रहा है
इस मनोरम मास में
गौरा-महेश्वर सज रहे हैं।
इन पहाड़ों के शिखर
शिवलिंग जैसे लग रहे हैं,
गौरा-महेश्वर पूजने
घर-घर विरुड़ भीगे हुए हैं।
नारियां बाहों में अपने
डोर धागा बांधकर
गा रहीं गौरा की स्तुति,
दूब भी बांधे हुए हैं।
घास से गौरा बनाकर
फूल माला से सजाकर
एक डलिया में बिठाकर
सर में रखकर पूजती हैं।
आज गौरा पूजती हैं।
आठ दिन आठों मनाकर
फिर विदा करती हैं उनको
इस तरह भादो में वे
गौरा-महेश्वर पूजती हैं।
रिम-झिम बरसते भाद्रपद में
गौरा- महेश्वर पूजती हैं।
Very nice
सादर धन्यवाद
सुन्दर अभिव्यक्ति
आपको बहुत बहुत धन्यवाद, सादर अभिवादन
Sunder
Thanks जी
अति सुंदर प्रस्तुति ,ऐसा लगा मानो शिव, पार्वती के साक्षात दर्शन ही हो गए।🙏 अद्भुत लेखन।
सहृदय अनुभूति हेतु सादर अभिवादन, आपकी समीक्षा शक्ति अद्भुत है।
वेरीनाइस
Thanks