Categories: शेर-ओ-शायरी
Related Articles
दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34
जो तुम चिर प्रतीक्षित सहचर मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष तुम्हे होगा निश्चय ही प्रियकर बात बताता हूँ। तुमसे पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…
शायरी संग्रह भाग 2 ।।
हमने वहीं लिखा, जो हमने देखा, समझा, जाना, हमपे बीता ।। शायर विकास कुमार 1. खामोश थे, खामोश हैं और खामोश ही रहेंगे तेरी जहां…
अपहरण
” अपहरण “हाथों में तख्ती, गाड़ी पर लाउडस्पीकर, हट्टे -कट्टे, मोटे -पतले, नर- नारी, नौजवानों- बूढ़े लोगों की भीड़, कुछ पैदल और कुछ दो पहिया वाहन…
दोस्ती से ज्यादा
hello friends, कहने को तो प्रतिलिपि पर ये दूसरी कहानी है मेरी लेकिन सही मायनो मे ये मेरी पहली कहानी है क्योकि ये मेरे दिल…
ओडिशा यात्रा -सुखमंगल सिंह
यात्रायें सतयुग के सामान होती हैं और चलना जीवन है अतएव देशाटन के निमित्त यात्रा महत्वपूर्ण है | मानव को संसार बंधन से छुटकारा पाने…
वाह
Thanks
वाह वाह, बहुत खूब
Thanks
क्या बात है आज तो सावन पे चाय छाई हुई है।
I don’t like
What do you dislike pragya??
I do not like tea very much
Oh That’s nice
चाय का स्वाद निराला वाह
जी बिल्कुल कमला जी .. Agreed 👍
चीनी का ख्याल रहे नहीं तो शुगर रोग हो जाएगा
चीनी डालने का ख्याल रहे नहीं तो स्वाद बिगड़ जाएगा
अति सुंदर लेखनी
मैं पीती ही नहीं हूं ना ही मीठा पसंद है
वाह
आपका धन्यवाद
बहुत सुंदर उपमान लिया आपने
बहुत सुंदर पंक्तियां
आपकी सराहना से हृदय गदगद हो उठा