Categories: मुक्तक
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माँ मुझे फौज में भेज दे
माँ ! मुझे फौज में भेज दे। ना बेटा ! अपने मन को जरा परहेज़ दे।। बन जा बेटा आॅफिसर तू राज करोगे जनताओं पर।…
बेटी
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माखन
कविता- माखन ———————— नटखट लाला नयनो के तारा, छोड़ दे तू सब काम निराला| मैं सह लूंगी बात तुम्हारी, आए शिकायत रोज तुम्हारी| सुन सुन…
निश्चय ही बेटी दो कुल की शान है, पहचान है, बहुत खूब रचना।
बहुत सुंदर पंक्तियां
Very true pragya.
आपका धन्यवाद
आपका धन्यवाद
बहुत खूब
आपका धन्यवाद
प्रज्ञा जी आपका बहुत-बहुत धन्यवाद इस लेखनी के लिए
कम शब्दों में आपने बहुत कुछ कह दिया
आपका धन्यवाद
अतिसुंदर
आपका धन्यवाद
बेहतरीन
आपका धन्यवाद