जिंदगी और मौत
हालत कुछ आज ऐसी बनी
चलती जिंदगी से मौत उलझ गई,
अकड़ कर वो कुछ यूं खड़ी
मानो जिंदगी से बड़ी हो गई।।
ऐ मौत, यूं ना तू मुझपे अकड़
बाकी है मेरी अभी सांसो पे पकड़
ना एक कदम जिंदगी पीछे हटी
मौत भी खड़ी गुर्राती गई।।
ना सांसे तेरी अपनी होंगी
जिस दिन वक़्त मेरा आएगा,
ऐ जिन्दगी, तू याद रखना
तूझपे मेरा एक वार बाकी है।।
लोगो के दिलो मै अभी
मेरे हिस्से का प्यार बाकी है,
माना वक़्त आएगा तेरा एक दिन
पर मेरा तो अभी दौर बाकी है।।
यूं डट कर लडी आज जिंदगी
हारती हुई मौत चली गई,
हालत कुछ आज ऐसी बनी
चलती जिंदगी से मौत उलझ गई।।
AK
बहुत बढ़िया
धन्यवाद् सर
बहुत ही उम्दा
Thanks sir
वाह वाह जी
धन्यवाद् सर
Nice line
Thanks
सुंदर प्रस्तुतीकरण
शुक्रिया जी
शानदार
धन्यवाद जी
Nice Poetry lines
Thanks sir