याद कर लो सभी आज उनको

स्वतंत्रता दिवस काव्य पाठ प्रतियोगिता:-

याद कर लो सभी आज उनको
जिनके यत्नों से आजादी पाई,
यह जन्मभूमि भारत हमारी
उस गुलामी से मुक्ति ले पाई।
हर तरफ था अंधेरा घना
कोई आशा न थी आम जन में,
उस निराशा में जिसने जगाया
याद कर लो सभी आज उनको।
बांटने की अनेकों थी कोशिश
फुट डालो करो राजनीति
जाति धर्मों में हमको लड़ाकर,
राज करते थे गोरे फिरंगी।
लूट कर देश की संपदा को
कोष ब्रिटेन का भर रहे थे,
दुर्दशा में था भारत का जीवन
लोग कष्टों में घिरते गए थे।
उन फिरंगी के मुंह में तमाचा
एकजुटता से जिसने लगाया,
जिसने छेड़ी वो जंगे आजादी
याद कर लो सभी आज उनको।
है नमन आज उनको नमन
जिनके यत्नों से आजादी आई,
जिसने अपना पसीना बहाया,
खून की बूंद जिसने चढ़ाई।
कतरे कतरे से सींचा वतन
सिर पे बांधे हुए थे कफन,
देख बलिदान दुश्मन भी काँपा
ऐसे वीरों को शत-शत नमन।
जुल्म सहते रहे, मुस्कुराते रहे
सिर कटा पर झुकाया नहीं,
गोलियां खाईं सीने पे जिसने
ऐसे वीरों को शत-शत नमन।
याद कर लो सभी आज उनको
जिनके यत्नों से आजादी पाई,
यह जन्मभूमि भारत हमारी
उस गुलामी से मुक्ति ले पाई।

—- सतीश चंद्र पाण्डेय

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Responses

  1. शानदार। यह कविता हमें जागरूक करती है कि हमने कितने कष्ट सहकर आजादी पाई।उन शहीदों का स्मरण करना बहुत आवश्यक हो जाता है आज जबकि नई पीढ़ी अपने इतिहास से वेखबर होती जा रही है।कविता सामयिक है। बहुत बहुत बधाई सतीश जी।

  2. स्वतंत्रता दिवस के पावन पर्व पर इतनी सुन्दर कविता का इतना सुंदर पाठ किया गया है जो कि विषय से जुड़ा सुंदर काव्य पाठ साबित हुआ है। कितनी बेहतरी से आपने शब्दों को बोला है, भावों को व्यक्त किया है, वह निश्चय ही प्रशंसा के योग्य है।

  3. स्वतंत्रता दिवस आजादी के संघर्ष की याद है, स्वतंत्रता के संग्राम से जुड़ी हुई यह कविता अत्यंत सुंदर कविता है, एक एक पंक्ति को आपने भावभंगिमा से बोला है। जिससे हृदय के तार झंकृत हो रहे हसीन। जय हिंद।

  4. बहुत सुंदर
    हमारे देश के शहीदों को नमन करती
    और सामाजिक कुरीतियों को बहुत ही सरल
    शब्दों में प्रस्तुत करती कविता मुझे बहुत पसंद आई

  5. स्वतंत्रता दिवस पर जिस तरह की यह प्रतियोगिता है, उस तरह की सुंदर कविता का पाठ आपने किया है, आपकी एक खासियत यह है कि आप जैसी फरमाइश की जाती है ठीक वैसी ही कविता प्रस्तुत कर देते हैं। आपकी कविता में सीधी सीधी अभिधा है, न इधर न उधर, सच्ची सीधी कविता, प्रतियोगिता के अनुरूप बेहतरीन कविता।

  6. सावन के मंच में देश भक्ति के काव्य की यह सुन्दर सरिता प्रवाहित हुई, सावन को भी धन्यवाद है। कवि को सलाम है।

  7. आपकी कविता मन को लुभा देने वाली है। मेरी शुभकामना है कि यह कविता बड़ी लोग प्रिय होगी।

  8. आपकी कविता काफी अच्छी है, तभी उसे इतना समर्थन मिल रहा है। यह प्रतियोगिता की कविता है, और बहूत उच्चस्तरीय कविता पाठ आपके द्वारा किया गया है। ऐसे में आप यह भी देखेंगे कि कुछ कवि समर्थक व्यापक लाइक और कमेंट को देखकर यह भी लिखने लगे कि कमेंट नहीं गुणवत्ता पर ध्यान दिया जाये। उनका यह कथन कैसा होगा वे खुद ही जानें। लेकिन साहित्यिक जानकार मानवीय प्रवृत्ति को खूब जानते हैं। इससे परेशान होने की आवश्यकता नहीं, गलत लिखने वाले और लिखाने वाले स्वयं के लिए पुण्य अर्जित करते हैं, इसलिए आप लगे रहिए। आपकी कविता की गुणवत्ता उच्च है और काव्य पाठ शानदार है।

  9. देशभक्ति वाह, सुंदर कविता, जय हो, वाणी की यह निखरी लय बनी रहे। शमा बांध दिया, अतिसुन्दर

  10. आपके द्वारा बहुत ही सुन्दर और उत्तम काव्य पाठ किया गया है, इस कविता को सुनकर रोम रोम झंकृत हो रहा है,

  11. लाजबाब कविता, सुनकर आनंद आ गया। ऐसे ही काव्य सेवा करते रहिए। सरस्वती मां हमेशा वरदायिनी रहें।

  12. मैं भी तो देखता ही रह गया। क्या बुलंद आवाज, क्या गजब जोश, क्या मुस्कान वाह, सुन्दर कविता

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