Categories: मुक्तक
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शायरी संग्रह भाग 2 ।।
हमने वहीं लिखा, जो हमने देखा, समझा, जाना, हमपे बीता ।। शायर विकास कुमार 1. खामोश थे, खामोश हैं और खामोश ही रहेंगे तेरी जहां…
कांच
एक कांच का टुकड़ा दर्पण बनकर सबका रूप दिखता है। बना कांच एक चूड़ियाँ जग में बनिताओं का दिल हर्षाता है।। ये कांच कांच है…
बाल गीत
तूफानों से लड़ना होगा , कांटों पर भी चलना होगा फूलों सा महकना होगा, सूरज का चमकना होगा, दुनिया को बदलना होगा , जब से…
बाल गीत
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बहुत दर्द और गहराई है आपकी रचना में, वाह!
समीक्षा हेतु, सादर अभिवादन, आपने दर्द की अनुभूति की, धन्यवाद जी
Welcome
सुंदर
सादर धन्यवाद जी
सुन्दर अभिव्यक्ति
बहुत बहुत धन्यवाद जी
बहुत अच्छे
सादर धन्यवाद जी
बहुत बढ़िया
Thank you जी