दुआ कहती है
“जंग ये खत्म हो लाखों की दुआ कहती है..
ज़िन्दगी खुद इसे साँसों की जुआ कहती है ।
सब तो देखा है सिसकती हुई इन आहों ने..
फिर भी ये बेबसी ‘सब कैसे हुआ’ कहती है ।
इसी दुनिया ने सिखाया है ज़हर रखना भी..
आओ देखो ज़रा पूछो क्या हवा कहती है ।
उन लड़ने वालों का हरगिज़ ना शुक्रिया करना,
दिल नही कहता अगर सिर्फ ज़ुबां कहती है ।”
#कोरोनामहामारी
बहुत खूब
🙏🙏
Good
शुक्रिया जी
बहुत ही उम्दा
धन्यवाद जी
Yah aap ga kar dalte to bahut hi acchi lagti
दरअसल अभी गला ठीक नही है इसलिए 15 अगस्त वाली काव्य पाठ प्रतियोगिता में भी भाग नही लिया