दुआ कहती है

“जंग ये खत्म हो लाखों की दुआ कहती है..
ज़िन्दगी खुद इसे साँसों की जुआ कहती है ।

सब तो देखा है सिसकती हुई इन आहों ने..
फिर भी ये बेबसी ‘सब कैसे हुआ’ कहती है ।

इसी दुनिया ने सिखाया है ज़हर रखना भी..
आओ देखो ज़रा पूछो क्या हवा कहती है ।

उन लड़ने वालों का हरगिज़ ना शुक्रिया करना,
दिल नही कहता अगर सिर्फ ज़ुबां कहती है ।”

#कोरोनामहामारी

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Responses

    1. दरअसल अभी गला ठीक नही है इसलिए 15 अगस्त वाली काव्य पाठ प्रतियोगिता में भी भाग नही लिया

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