नियति

पलक झपकते ही
खो हो गए कितने ही मुस्कुराते चेहरे,
जो कल तक थे हमारी कहानी का हिस्सा
जैसे किसी चलचित्र में क्षण में बदल जाते हैं दृश्य…!!

कितना कुछ बाक़ी रह गया
जो कहा जाना था
जो सुना जाना था..!!
जिसे टाल दिया गया आने वाले कल पर,
वो अब रहेगा सदा ही मन के धरातल पर
ग्लानि का पर्वत बन कर..!!

किसी का अचानक चले जाना
संकेत है कि स्वघोषित ईश्वर मानव
वास्तव में कितना बौना है अपनी नियति के आगे..!!

©अनु उर्मिल ‘अनुवाद’
(12/05/2021)

Related Articles

दुर्योधन कब मिट पाया:भाग-34

जो तुम चिर प्रतीक्षित  सहचर  मैं ये ज्ञात कराता हूँ, हर्ष  तुम्हे  होगा  निश्चय  ही प्रियकर  बात बताता हूँ। तुमसे  पहले तेरे शत्रु का शीश विच्छेदन कर धड़ से, कटे मुंड अर्पित करता…

प्यार अंधा होता है (Love Is Blind) सत्य पर आधारित Full Story

वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ। निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥ Anu Mehta’s Dairy About me परिचय (Introduction) नमस्‍कार दोस्‍तो, मेरा नाम अनु मेहता है। मैं…

अपहरण

” अपहरण “हाथों में तख्ती, गाड़ी पर लाउडस्पीकर, हट्टे -कट्टे, मोटे -पतले, नर- नारी, नौजवानों- बूढ़े लोगों  की भीड़, कुछ पैदल और कुछ दो पहिया वाहन…

Responses

+

New Report

Close